Saraswati Chalisa
Tuesday, May 20, 2025
श्री सरस्वती चालीसा
माँ सरस्वती, ज्ञान और विद्या की देवी, आपकी आराधना से अज्ञान का अंधकार मिटता है और जीवन में प्रकाश फैलता है। इस चालीसा का पाठ करें और माँ सरस्वती की कृपा से ज्ञान, विवेक, और बुद्धि प्राप्त करें।
दोहा
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
चौपाई
जय जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता॥
चरण शरण में आओं हम।
सदा सहाय करो सुखधाम॥
दूजा न कछु आस हमारा।
हे मातु दर्शन देहु हमारा॥
अज्ञान हृदय प्रकाश बढ़ाओ।
मोरे मन से भ्रम हर जाओ॥
मूढ़ मति को सन्मति देहु।
जनम सफल कर दर्शन देहु॥
सुमिरौं वीणा रहत तुम्हारी।
पद कमल सरोज मन हारी॥
श्रुति शास्त्र तुम्हरे गुण गावे।
सदा ध्यान धर हरषित पावे॥
प्रथम पूजि मैं बुद्धि विवेक।
नित नव मंगल दान अनेक॥
धर अनन्त कोटि शिशु-जाना।
नारद शारद गावे यश गाना॥
शंकर कैलाश में ध्यान लगावें।
ब्रह्मा जी वीणा गुण गावे॥
विद्या बुद्धि प्रदाता तुम।
अशुभ कर्म का नाश करो तुम॥
धन्य-धन्य हे जग की माया।
सर्व सुखों की दात्री माया॥
शत्रु नाशिनी, दुख हरनी।
सौम्य रूप करुणा नित करनी॥
शुभ्र वसन, श्वेत कमल पे विराज।
करती हो भक्तों का सदा काज॥
जो यह चालीसा नित गावे।
माँ कृपा से सुख संपत्ति पावे॥
अज्ञान का तम मिट जाये।
ज्ञान की ज्योति सदा जगाये॥
सरस्वती चालीसा का महत्व
- माँ सरस्वती की कृपा से बुद्धि, विद्या, और विवेक का वरदान मिलता है।
- इस चालीसा का पाठ करने से अज्ञान का अंधकार मिटता है।
- यह विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
कैसे करें पाठ?
- माँ सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीप जलाएं।
- श्वेत पुष्प और प्रसाद अर्पित करें।
- शांत मन से इस चालीसा का पाठ करें।
माँ सरस्वती की कृपा से आपके जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैले। 🙏✨